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Sunday, March 14, 2010

विशेष डर

विशेष डर (specific phobias):
हर व्यक्ति किसी न किसी बात से डरता है। परन्तु विशेष डर या फोबिया तब कह सकते हैं जब कोई व्यक्ति किसी विशेष स्थान या वस्तु से इतना डरता है कि वह ऐसी वस्तु या स्थान का सामना करने से भी डरता है एवं ऐसी परिस्थितियों को अवोइड करता है। फोबिया से पीड़ित व्यक्ति भी उसी प्रकार से प्रतिक्रिया करता है जैसे कि पेनिक अटेक से पीड़ित व्यक्ति, परन्तु एक अंतर है कि यह प्रतिक्रिया उस वस्तु या स्थान की उपस्थिति में होती है। फोबिया से पीड़ित व्यक्ति उस स्थान या वस्तु से भागने के लिए तत्पर रहता है। परिस्थिति के अनुसार फोबिया जीवन को सीमित कर भी सकते हैं या नहीं भी। उदाहरनार्थ कोई व्यक्ति जो सांपों से डरता है अगर शहर में रहता है अपना सारा जीवन आराम से काट सकता है। जबकि कोई किसान यदि इसी फोबिया से पीड़ित हो तो उसका जीवन दूभर हो सकता है।

पीड़ित व्यक्ति यह जनता है कि उसका डर अनावश्यक है परन्तु फिर भी इससे उसकी प्रतिक्रिया में कोई अंतर नहीं आता। आमतौर पर ज़्यादातर फोबिया जानवरों, ऊंचाई, बंद कमरों, रक्त, चोट लगना, तूफ़ान, बिजली चमकने या हवाई यात्रा से होता है।

फोबिया से पीड़ित अधिकांश लोग कोई इलाज नहीं करवाते। वे केवल डरावनी वस्तु को अवोइड करते हैं। उनके डर का कारण स्पष्ट रूप से ज्ञात होता है।

कविता की कहानी

कविता एक आफिस में क्लर्क है। उसे बंद कमरों का बहुत डर लगता है। वह पांचवे माले पर स्थित अपने आफिस जाने के लिए लिफ्ट का इस्तेमाल नहीं करती। यदि उसे दिन में कई बार आफिस आना जाना पड़े तो वह अवोइड करती है। कभी भी किसी कमरे में अकेली नहीं रहती। कोई न कोई बहाना बना कर वो अपने साथ किसी को बुला लेती है।

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