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Thursday, August 19, 2010

पोस्चर

मेडिटेशन के लिए कौन सा आसन सर्वाधिक उपयुक्त है ? प्रारंभ में मेडिटेशन के लिए आप कुर्सी का उपयोग कर सकते हैं। या फिर ज़मीं पर दरी बिछाकर पालथी मार कर बैठ सकते हैं। जो भी पोस्चर का उपयोग करें यह ध्यान रहे कि मेडिटेशन मन को केन्द्रित करने की कला है। इसमे शरीर के किसी पोस्चर विशेष का कोई उपयोग नहीं है। शरीर का पोस्चर ऐसा रहे जिससे की आप २० से ३० मिनिटों तक बिना व्यवधान के बैठे रह सकें। किसी प्रकार का दर्द या असुविधा न हो। आपकी सांस का आवागमन सुगमता से हो सके। यदि कोई व्यक्ति बिना सहारे के बैठने में असमर्थ है तो गद्दियों का सहारा लिया जा सकता है। घुटनों या टखनों के नीचे गद्दी लेने में कोई हर्ज नहीं है।

प्रारंभ में बैठकर मेडिटेशन करना ठीक रहेगा। एक बार मेडिटेशन में पारंगत होने पर मेडिटेशन बैठकर, खड़े होकर, लेटकर, या चलते हुए भी किया जा सकता है।
मेडिटेशन की क्रिया में सुस्ती एवं नींद आ सकती है इसलिए जहाँ तक हो सके टिक कर न बैठें। पीठ तनी रहे तो अच्छा है। इससे यदि नींद का झोखा आ जाता है तो आप गिरने लगते हैं और फिर एकाग्र हो सकते हैं।

फोकस

माइंडफुल श्वसन के चौथे खंड में हम एक बिंदु पर मन को केन्द्रित करने की कला सीखते हैं। प्रारंभ में सांस के टकराने का निश्चित बिंदु ढूँढना कठिन हो सकता है। एक बार मन को फोकस किया या सके तो फिर धीरे धीरे यह आसानी से मिलने लगता है। इस खंड में सांस के अन्दर जाते समय सांस सर्वप्रथम जहाँ टकराती है उस जगह का निरीक्षण करना है। उसी स्थान पर सम्पूर्ण श्वसन चक्र में होने वाले सेन्सेशनो को अनुभव करना है। इस खंड में वायु के प्रवाह को भीतर तक जाते हुए महसूस नहीं। करना है। जहाँ तक हो सके श्वसन को अपने आप चलने दें। कोशिश करके उसे गहरा या हल्का या तेज या धीरे नहीं करें। आपको तो बस निरीक्षण करना है। वह भी सिर्फ एक बिंदु का जहाँ अन्दर जाते समय वायु टकराती है।