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Thursday, March 4, 2010

डर चिंता आशंका घबराहट या व्यग्रता: सामान्य चिंता विकार

मै यह सोच रहा था कि anxiety neurosis के लिए हिंदी में सबसे उपयुक्त शब्द क्या होगा। अंग्रेजी में anxiety शब्द का समानार्थी शब्द हिंदी में व्यग्रता या आतुरता हो सकता है पर शब्दों के फेर में पड़े हिस्सा हम यह जान लें कि चिंता जीवन का एक अंग है यहाँ चिंता शब्द पर जोर दिया जा रहा है क्योंकि यह सम्पूर्ण जीवन नहीं है जीवन का एक छोटा सा हिस्सा, मात्र है एक मनोविकारों का समूह जिसमे चिंता या आशंका अत्यधिक रूप से बढ़कर बीमारी का रूप धारण कर लेती है। कुछ लोग इन बीमारियों से गंभीर रूप से पीड़ित रहते हैं। अनियंत्रित विचार और घबराहट जीवन को नरक बना देता है, वे निराश कुंठित या फिर टूट चुके हो सकते हैं। जो लोग इससे पीड़ित हैं उन्हें शायद यह जानकार अच्छा लगे कि वे अकेले नहीं है। दुनिया में सभी लोग चिंता या डर का अनुभव करते हैं।

बहुतेरे लोग अपना जीवन इन सभी आशंकाओं के बावजूद सहज ढंग से जी लेते हैं। अन्दर ही अन्दर वे अपने आप को इस चिंता से मुक्त कर लेते हैं। थोड़े में वे व्यग्रता को अपनी राह का रोड़ा नहीं बनने देते। आशंका जीवन को दुरूह बनाए आवश्यक नहीं है। एक रास्ता है। एक ऐसी कुशलता जो आपकी शक्ति जीवन कि उन दिशाओं में समृद्ध करे जो आपके लिए मूल्यवान हैं। यह एक ऐसा रास्ता है जो आपको यह बताता है कि चिंता और डर आपके जीवन का एक हिस्सा मात्र है। सम्पूर्ण जीवन नहीं है।

चिंता ने जिनके जीवन को अनावश्यक रूप से प्रभावित किया है वे लोग कुछ कार्य अपनी चिंता दूर करने के लिए करते हैं। उदाहरनार्थ:

*उन स्थितियों से दूर रहना जहाँ चिंता या व्यग्रता घेर लेती है।
*ऐसे कार्यों एवं गतिविधियों को न करना जहन चिंता व्यग्रता पुरानी यादें या अनुभव ताज़ा हो जाएँ। जैसे कि बाहर जाना, कार चलाना, भीड़ में जाना, नयी जगह पर जाना, कुछ विशेष प्रकार का भोजन, सभा या पार्टियों में जाना आदि।
*उन विचारों को दबाना जो परेशान करते हैं।
*चिंता उत्पन्न करने वाले विचारों के स्थान पर अच्छे विचारों की और ध्यान लगाना।
*चिंता होने पर अपना ध्यान किसी अन्य कार्य कि तरफ मोड़ देना।
*अपनी घबराहट कम करने के लिए बातचीत का सहारा लेना।
*पुस्तक पढ़कर व्यग्रता या चिंता के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करना।
*शराब या अन्य नशीली वास्तु का सेवन करके अपनी व्यग्रता को छुपाना।
*औषधियों का सेवन।
*मनोवैज्ञानिक से सहायता लेना।
उपरोक्त क्रियाओं कि वजह से व्यक्ति थोड़े समय के लिए चिंता से तो मुक्त हो जाता है। परन्तु वह एक महत्वपूर्ण वस्तु खोता है। चाहे वह उसका करियर हो या प्यार, या फिर सामाजिक सम्बन्ध, अच्छा स्वास्थ्य, या फिर उसकी स्वयं कि स्वतंत्रता।
डर और चिंता तीव्र गतिशील भावनाएं हैं। जिन्हें नियंत्रित करना कठिन है, और उनके साथ जीना और भी कठिन है। सच तो ये है कि चिंता हमेशा के लिए कभी भी समाप्त नहीं होती। तीव्र डर कि भावना, दुखी करने वाले विचार और ख़राब स्मृतियाँ हो सकता है कभी कम न हो। फिर क्या किया जाये। किया केवल येही जा सकता है कि इन सब विचारों के रहते हुए भी आप वो काम कर सकें जो आपके लिए महत्वपूर्ण हैं, जो आप करना चाहते हैं पर चिंता कि वजह से नहीं कर पाते। आप अपनी पीड़ा कम कर सकते हैं। अपना जीवन फिर से प्राप्त कर सकते हैं।

5 comments:

  1. चिंता से चतुराई घटे और चिंतन से समाज उन्नति करता है जारी रखे

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  2. Bahut achha aalekh hai! Anek shubhkamnayen!

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  3. Sahmat hun aapse...shubhkamnayen sweekar karen!

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  4. knowledge badhane wala lekha. hardik shubhkamnayen.

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