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Thursday, March 4, 2010

सामान्य चिंता विकार:

चिंताविकारों के इलाज के लिए संज्ञान व्यावहार उपचार पद्धति बहुत प्रचलित है.
चिंताग्रस्त व्यक्तियों क यह सिखाया जाता है किअपने विचारों को किस प्रकार से बदलना है। घातक ऋणात्मक विचारों बारे में यह विचार करना कि वे अवास्तविक हैं और स्थान पर वास्तविक एवं धनात्मक विचार करना
एक और पद्धति है जिसमे चिंताविकार व्यक्ति को बार बार उन्ही परिस्थितियों में ले जाया जाये जब ये विचार उत्पन्न होते हैं। बार बार उन्ही अनुभवों से गुजरने के बाद व्यक्ति यह समझ जाता है कि ये विचार काल्पनिक हैं।

प्रायः चिंता के लिए कुछ ट्रिगर होते हैं। ये व्यक्ति के मन में उठने वाले कुछ विचार, स्वयम के शरीर से आने वाले कुछ संवेदनाएं हो सकती हैं या फिर वातावरण में मौजूद किसी भी कारण के प्रति व्यक्ति अधिक सूक्ष्म ग्राही हो सकता है।
बार बार इनके अनुभवों से गुजरने के बाद व्यक्ति डर से मुक्ति पा सकता है।
परन्तु ऐसा देखा गया है कि यह वास्तव हैं में उतना प्रभावकारी नहीं है। इस विधि से उपचार के बाद भी समस्या बनी रह सकती है या फिर कुछ समय बाद फिर उत्पन्न हो जाती है।

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